Article Title |
हिंदी नवजागरण और राष्ट्रीय चेतना में बालमुकुन्द गुप्त का योगदान |
Author(s) | Dev Prakash. |
Country | India |
Abstract |
वर्तमान समाज साहित्यकार की चेतना और रचना को बहुत प्रभावित करता है, इसलिए एक साहित्यकार को अपने समय में रहना संभव नहीं होता। बाबू बालमुकुन्द गुप्त का जन्म राष्ट्रीय भावना और भारतीय समाज की समझ से हुआ था। इन्होंने देश, उसके लोगों, उसके सुख-दुःख और समस्याओं को समझा। गुप्त जी स्वाभिमानी और देशप्रेमी पत्रकार हैं। उपनिवेशवादी शासन-व्यवस्था में होने वाले शोषण और पक्षपात के खिलाफ लिखते रहे और लोगों को जागरूक करते रहे। अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली की कमजोरियों को दिखाने का प्रयास किया। इनकी भाषा मुख्यतः व्यंग्य है। |
Area | Literature |
Published In | Volume 1, Issue 5, September 2024 |
Published On | 20-09-2024 |
Cite This | Prakash, D. (2024). हिंदी नवजागरण और राष्ट्रीय चेतना में बालमुकुन्द गुप्त का योगदान. International Journal of Social Science Research (IJSSR), 1(5), pp. 20-25. |