Article Title |
भारत के सांस्कृतिक उत्थान में कुंभ का महत्त्व: प्रयागराज के विशेष संदर्भ में |
Author(s) | बाल गोविंद, डॉ. कुमार अमित, रितांशु तिवारी. |
Country | India |
Abstract |
‘कुंभ’ पर्व आयोजन भारत के सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह आयोजन न केवल धार्मिक क्रियाओं का आयोजन है, बल्कि यह भारतीय समाज की सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं और विविधताओं का जीवंत उदाहरण भी है। प्रयागराज, जिसे त्रिवेणी संगम के रूप में जाना जाता है, कुंभ मेले का प्रमुख स्थल है, जहाँ करोड़ों श्रद्धालु एवं पर्यटक एकत्र होते हैं। इस आयोजन के माध्यम से भारत की धार्मिक एकता, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक धारा को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया जाता है। कुंभ आयोजन भारतीय समाज में सांस्कृतिक आदान-प्रदान, बंधुत्व और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देता है, जो भारतीय सभ्यता को गहराई से प्रतिविमबीत करता है। यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्निर्माण, सामाजिक समरसता, और जन जागरूकता का भी आधार बनता है। कुम्भ यगों-युगों से इसी आध्यात्मिक चेतना को प्रकट करने के प्रमुख अवसर के रूप में चला आ रहा है। 'कुम्भ' नाम के पीछे चाहे जिन-जिन घटनाओं का वर्णन किया जाए लेकिन कुम्भ भारतीय अध्यात्म परम्परा और संस्कृति का वह घड़ा है जिसमें सभी आकर समाहित हो जाते हैं। प्रयागराज का कुंभ आयोजन भारतीय सांस्कृतिक उत्थान में एक प्रेरणा और गौरव का स्रोत है। |
Area | Geography |
Published In | Volume 1, Issue 3, June 2024 |
Published On | 30-06-2024 |
Cite This | गोविंद, ., अमित, . ., & तिवारी, . (2024). भारत के सांस्कृतिक उत्थान में कुंभ का महत्त्व: प्रयागराज के विशेष संदर्भ में. International Journal of Social Science Research (IJSSR), 1(3), pp. 43-48, DOI: https://doi.org/10.70558/IJSSR.2025.v1.i3.30308. |
DOI | 10.70558/IJSSR.2025.v1.i3.30308 |