| Article Title | पंडित मदन मोहन मालवीय के शैक्षिक विचारों की वर्तमान भारतीय शिक्षा के संदर्भ में प्रासंगिकता | 
| Author(s) | विनोद कुमार पाण्डेय, डॉ. कमला दीक्षित, डॉ महेंद्र कुमार उपाध्याय. | 
| Country | India | 
| Abstract | किसी भी राष्ट्र एवं समाज की प्रगति एवं विकास शिक्षा पर निर्भर करता है। वर्तमान में शिक्षा कैसी है तथा वैश्विक परिप्रेक्ष्य में शिक्षा कैसी होनी चाहिए इन सन्दर्भों में महापुरुष, विद्वान, समाज सुधारक एवं राजनीतिज्ञ अपनी संस्कृति के अनुरूप शिक्षा संरचना का मार्गदर्शन करते हैं। प्राचीन काल से ही गुरु - वाल्मीकि, व्यास, चाणक्य तथा आधुनिक काल में दयानन्द सरस्वती, अरविन्द, टैगोर, मदन मोहन मालवीय, डॉ. अम्बेडकर, डॉ. जाकिर हुसैन आदि के शैक्षिक विचारों ने भारतीय शिक्षा को प्रभावित किया है। इनकी शैक्षिक विचारधाराओं पर शिक्षण संस्थानों की स्थापना हुई है। इन शैक्षिक चिन्तकों में मालवीय जी का नाम विशेष उल्लेखनीय है। पंडित मदन मोहन मालवीय भारतीय शिक्षा प्रणाली के पुनरुत्थान के प्रस्तोता और एक समाजसुधारक थे। उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ साथ भारतीय संस्कृति और आधुनिक ज्ञान के समन्वय की एक मजबूत आधारशिला रखी। आज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) को लागू कर दिया गया है, ऐसे में मालवीय जी के शैक्षिक एवं दार्शनिक विचार और भी अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। उन्होंने शिक्षा को राष्ट्रीय पुनर्जागरण का माध्यम माना और इसे भारतीय संस्कृति व मूल्यों के अनुरूप विकसित करने का प्रयास किया। उनके शैक्षिक एवं दार्शनिक विचारों का उद्देश्य नैतिक, आध्यात्मिक एवं व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करना था। यह शोध पत्र उनके शैक्षिक दृष्टिकोण, दार्शनिक विचारों और उनके द्वारा स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय की भूमिका का विश्लेषण करता है तथा वर्तमान भारतीय शिक्षा प्रणाली में उसकी उपयोगिता को सिद्ध करता है. | 
| Area | Education | 
| Issue | Volume 1, Issue 1 (January - February 2024) | 
| Published | 25-01-2024 | 
| How to Cite | International Journal of Social Science Research (IJSSR), 1(1), 78-84. | 
 
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