Article Title |
हिन्दी उपन्यास और प्रमुख महिला उपन्यासकारों की भूमिका |
Author(s) | डाॅ. मोनिता नेमा. |
Country | India |
Abstract |
हिंदी उपन्यासों में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है । लेखकों ने महिलाओं के अनुभवों, संघर्षों, और सशक्तिकरण को उजागर किया है, जिससे समाज मे महिलाओं की स्थिति और अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। 21वीं सदी में हिंदी साहित्य में महिला उपन्यासों का उल्लेख हुआ है जिसमें महिला लेखकों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। इस सदी में महिला लेखक साहित्यिक क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हुए विभिन्न मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं। महिला लेखिकाएँ न केवल परंपरागत साहित्यिक रूपों को चुनौती दे रही हैं, बल्कि नई और प्रयोगात्मक लेखन शैली भी अपना रही हैं, जिससे हिंदी साहित्य को एक नई दिशा और ऊर्जा मिली है। उन्होंने सामाजिक मुद्दों जैसे लिंग समानता, महिला सशक्तिकरण, और शिक्षा के महत्व को अपने लेखन में प्रमुखता से उठाया है। उनकी रचनाओं में महिलाओं की सामाजिक स्थिति, व्यक्तिगत संघर्ष, और स्वतंत्रता की खोज को एक नई दृष्टि से प्रस्तुत किया गया है। इन योगदानों ने न केवल साहित्य को समृद्ध किया है, बल्कि समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन और जागरूकता को भी प्रेरित किया है। हिंदी उपन्यासों में महिलाओं की भूमिका का विकास एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है। लेखिकाओं ने न केवल महिलाओं की समस्याओं को उजागर किया है, बल्कि उनके सशक्तिकरण और समानता के लिए भी आवाज उठाई है मूलषब्द- सषक्तिकरण, हिन्दी साहित्य, जागरूकता, सामाजिक मुद्वे |
Area | Hindi |
Issue | Volume 2, Issue 4, July 2025 |
Published | 30-07-2025 |
How to Cite | International Journal of Social Science Research (IJSSR), 2(4), 258-261, DOI: https://doi.org/10.70558/IJSSR.2025.v2.i4.30491. |
DOI | 10.70558/IJSSR.2025.v2.i4.30491 |