Article Title |
आदिवासी महिला नेतृत्व का उद्भव एवं विकास (1990–2020) |
Author(s) | प्रीति खेस, डॉ. आलोक कुमार. |
Country | India |
Abstract |
आदिवासी समाज में महिलाओं की भूमिका परंपरागत रूप से सामूहिक, श्रम आधारित और सामाजिक समरसता पर आधारित रही है, परंतु उन्हें निर्णायक नेतृत्व की मुख्यधारा से लंबे समय तक अलग रखा गया। 1990 के पश्चात भारत में राजनीतिक विकेंद्रीकरण, पंचायती राज व्यवस्था का सशक्तिकरण और महिलाओं को आरक्षण देने जैसे संविधानिक उपायों ने आदिवासी महिलाओं के नेतृत्व को एक नई दिशा दी। इन परिवर्तनों ने उन्हें केवल मतदानकर्ता से एक प्रभावशाली निर्णयकर्ता की भूमिका में लाने का मार्ग प्रशस्त किया। झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में आदिवासी महिलाओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य, जल-जंगल-जमीन जैसे बुनियादी मुद्दों पर संघर्ष करते हुए न केवल अपने समुदाय की आवाज उठाई, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में भी सक्रिय भागीदारी शुरू की। 1990 के दशक में जब आदिवासी क्षेत्रों में साक्षरता और सामाजिक चेतना का उभार हुआ, वहीं महिलाओं के अधिकारों, समानता और नेतृत्व की संभावनाओं ने भी आकार लेना शुरू किया। |
Area | History |
Issue | Volume 1, Issue 3, June 2024 |
Published | 30-06-2024 |
How to Cite | International Journal of Social Science Research (IJSSR), 1(3), 53-61. |