भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय समाचार पत्रों के योगदान का अध्ययन

International Journal of Social Science Research (IJSSR)

International Journal of Social Science Research (IJSSR)

An Open Access, Peer-reviewed, Bi-Monthly Journal

ISSN: 3048-9490

Call For Paper - Volume - 2 Issue - 5 (September - October 2025)
Article Title

भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय समाचार पत्रों के योगदान का अध्ययन

Author(s) विकास द्विवेदी, डा. दिवाकर अवस्थी.
Country India
Abstract

बदलते परिदृश्य के साथ के साथ जब आज प्रिंट मीडिया से निकलकर पहले प्रसारण पत्रिकारिता और अब डिजिटल पत्रकारिता के युग में प्रवेश कर चुके हैँ, और आज प्रिंट पत्रकारिता धीरे धीरे घटती पाठक संख्या से जूझ रही है, तो लोग प्रिंट पत्रकारिता के महत्व को कम आंकने लगे हैँ तो ऐसे में इतिहास के उस पन्ने में झाँकना जरुरी हो जाता है जहाँ से प्रिंट ने संघर्ष से शुरुआत की और देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद होने तक अपना अप्रतिम योगदान दिया। प्रिंट के उन ओजस्वी पत्रकारों ने संकट के समय में भी अपना धैर्य नहीं खोया और कोड़े खाकर जेल जाने जैसी तमाम यातनाओं को सहकर भी अपना कर्तव्य बखूबी निभाया और अख़बार के पन्नों पर लगातार ब्रिटिश हुकूमत की ज्यादतियों के खिलाफ राष्ट्रवाद के आयाम से सींचते रहे। ऐसे में आइये हम नजर डालते हैँ भारतीय प्रिंट पत्रकारिता की उस संघर्ष भरी यात्रा पर जहाँ राजा राम मोहन राय का संवाद कौमुदी था, गोपाल कृष्ण गोखले का 'हितवाद' था, तिलक का 'केसरी' था तो राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का नवजीवन और यंग इंडिया भी था। हमारे देश भारत ने अपनी आजादी के लिये लम्बे वक्त तक संघर्ष किया है। देश को स्वाधीन कराने के लिये अनेक कर्मयोगियों ने अपने अपने तरीके से प्रयास किये हैं, किसी ने शांति का रास्ता चुना, तो किसी ने क्रांति का, किसी ने वकालत का रास्ता चुना तो किसी ने पत्रकारिता का। आजादी के इस योगदान में वो पत्रकारिता ही थी, जिसने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ खबरें छाप-छाप कर उनकी नींद हराम कर दी थी। वो भारतीय पत्रकार ही थे जिन्होंने अंग्रेजो को इस बात का बखूबी अहसास करा दिया था की अब देश जाग चुका है और वो अब तुम्हारे जुल्म को और नहीं सहेगा।

Area Journalism
Issue Volume 2, Issue 4, July 2025
Published 30-07-2025
How to Cite International Journal of Social Science Research (IJSSR), 2(4), 262-268, DOI: https://doi.org/10.70558/IJSSR.2025.v2.i4.30492.
DOI 10.70558/IJSSR.2025.v2.i4.30492

PDF View / Download PDF File