Article Title |
नशे की समस्या कितनी गंभीर : एक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण |
Author(s) | Dr. Akhilesh Kumar . |
Country | India |
Abstract |
आप अक्सर ही ऐसी कहानियाँ सुनते होंगे कि फला आदमी के नशे की लत ने उसके पूरे परिवार को तहस-नहस कर दिया। आपने मुकेश हराने का वो विज्ञापन भी जरूर देखा होगा जिसमें वो तंबाकू सेवन के खतरनाक परिणामों के बारे में चर्चा करते हैं। इसके साथ ही आप अक्सर ऐसी खबरें पढ़ते होंगे जिसका मजमून ये रहता है कि कच्ची शराब ने ली लोगों की जान! नशे की ये लत कितनी खतरनाक है, भारत दो प्रमुख ड्रग उत्पादक क्षेत्रों- गोल्डन क्रिसेंट (ईरान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान) और गोल्डन ट्रायंगल (थाईलैंड-लाओस-म्याँमार) के बीच स्थित है, जो इसे अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के लिये संवेदनशील बनाता है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े अफ़ीम बाज़ारों में से एक है। हमारे यहाँ शराब, देशी शराब, अफ़ीम, हशीश और मारिजुआना स्वतंत्र रूप से उपलब्ध और उपयोग किए जाते थे। हमारे राजा और उनके दरबारी वरिष्ठ जन नशा करने के लिए इन पदार्थों का उपयोग हुक्के में करते थे। लेकिन उन दिनों लोग इनका प्रयोग कम मात्रा में करते थे और नशीली दवाओं का प्रयोग कोई गंभीर समस्या नहीं थी। |
Area | Sociology |
Issue | Volume 1, Issue 6, December 2024 |
Published | 31-12-2024 |
How to Cite | Kumar, A. (2024). नशे की समस्या कितनी गंभीर : एक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण. International Journal of Social Science Research (IJSSR), 1(6), 46-53. |