Article Title |
कबीरदास के काव्य में सामाजिक समरसता और चेतना की अभिव्यक्ति |
Author(s) | इंदुबाला. |
Country | India |
Abstract |
भारतीय संत परंपरा में कबीर दास एक ऐसे विराट व्यक्तित्व के रूप में उभरते हैं, जिन्होंने न केवल आध्यात्मिक चेतना को नई दिशा दी, बल्कि सामाजिक क्रांति का स्वर भी मुखरित किया। वे मध्यकालीन भारतीय समाज के उस संक्रमण काल में जन्मे, जब देश धार्मिक पाखंड, जातिगत भेदभाव, सांप्रदायिक वैमनस्य और रूढ़ियों के बोझ तले दबा हुआ था। यह वह समय था जब समाज में ऊँच-नीच, छूआछूत और बाह्याडंबर अपने चरम पर थे। साधारण जन मानस इन अव्यवस्थाओं से त्रस्त था और उन्हें किसी ऐसे मार्गदर्शक की आवश्यकता थी, जो उन्हें इन रूढ़ियों से मुक्त कर सके। ऐसे ही समय में कबीर जैसे निर्भीक और सच्चे संत का उदय हुआ। |
Area | Hindi |
Published In | Volume 1, Issue 4, August 2024 |
Published On | 30-08-2024 |
Cite This | इंदुबाला, . (2024). कबीरदास के काव्य में सामाजिक समरसता और चेतना की अभिव्यक्ति. International Journal of Social Science Research (IJSSR), 1(4), pp. 46-52. |