| Article Title |
कानपुर महानगर की मलिन बस्तियों में बुनियादी सुविधाओं और जीवन स्तर का मूल्यांकन |
| Author(s) | अशोक तिवारी. |
| Country | India |
| Abstract |
भारत में शहरीकरण की तेज गति ने महानगरों और बड़े शहरों में रहने की बढ़ती मांग को जन्म दिया है। इस बढ़ती जनसंख्या के कारण शहरों में बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। कानपुर, जो उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र है, भी इस समस्या से अछूता नहीं है। कानपुर महानगर में शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के साथ-साथ एक गंभीर समस्या उभर कर सामने आई है, जिसे मलिन बस्तियों के रूप में जाना जाता है। मलिन बस्तियां उन इलाकों को कहा जाता है, जहां रहने वाले लोग बुनियादी सुविधाओं जैसे स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त सीवरेज व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा जैसी सुविधाओं से वंचित हैं। यह क्षेत्र आमतौर पर अत्यधिक भीड़भाड़ वाले होते हैं, जहां रहने की स्थिति दयनीय होती है और लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करते हैं। कानपुर जैसे औद्योगिक शहर में, यह समस्या इसलिए भी विकराल है क्योंकि रोजगार की तलाश में आने वाली ग्रामीण आबादी के पास सीमित साधन होते हैं, जिसके चलते वे मलिन बस्तियों में बसने को मजबूर हो जाते हैं। कानपुर में मलिन बस्तियों की बढ़ती संख्या ने सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म दिया है। इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को स्वच्छ पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं, जिसके कारण यहां स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं, जैसे जलजनित रोग और कुपोषण, आम हो जाती हैं। इसके अलावा, शिक्षा के अभाव के चलते यहां की आबादी रोजगार के बेहतर अवसरों से वंचित रह जाती है। मलिन बस्तियों में बच्चों और महिलाओं की स्थिति भी चिंताजनक है, क्योंकि उन्हें अक्सर हिंसा, शोषण और असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। |
| Area | Sociology |
| Issue | Volume 1, Issue 2 (March - April 2024) |
| Published | 20-03-2024 |
| How to Cite | International Journal of Social Science Research (IJSSR), 1(2), 29-38. |
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